Sunday, September 6, 2020

यादें....

कुछ बातें जो दिलों में गहरी बैठ जाती हैं , जिनसे हम भागना भी चाहें तो भाग कर जाएँ कहाँ। गाहे बगाहे घूम फिर कर हम फिर वहीँ पहुंच जाते है उन्हीं यादों में जहाँ शायद हम लौट कर कभी भी न जाना चाहें। याद आती है मुझे अपनी शादी के दूसरे दिन की वो घटना जब मैं विदा होकर ससुराल पहुंची ही थी ,सब लोग नयी दुल्हन की स्वागत में लगे थे ,ढेर सारे ननदों और देवरों से घिरी मैं। सारे घर में ख़ुशी का माहौल ,बाहर ड्राइंगरूम में सारे चाचा ,मामा ,मौसा वैगरह इकट्ठे थे। हंसी मज़ाक ठहाके कीआवाज़ें आ रही थी की अचानक बाहर से कुछ शोर होने लगा कुछ सम्मिलित स्वर मेरे कानों तक पहुंच रही थी. ……… क्या हुआ ?? क्या हुआ ??  डॉक्टर को बुलाओ। ……। जल्दी गाडी निकालो वैगरह - वैगरह
                                     मुझे याद है रत्ना दी कमरे में आई और कहा अजीत मौसा बेहोश हो गए है  उन्हें हॉस्पिटल ले जाना है। सब लोग बाहर की ओर  की  भागे ,  मेरी कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।  बहुत देर तक मैं अकेली उस कमरे में  इन्तेजार करती रही। ………बहार से रोने की आवाज़ें भी आ रही थी जिससे मुझे अंदाज़ा हो गया था की कुछ बहुत ही बुरा घटित हो गया है। एक पल में ही सारा माहौल बदल गया था। कुछ समय के बाद राजीव कमरे में आये और कहने लगे अजीत मौसा ( राजीव के सबसे छोटे मौसा ) को दिल का दौरा पड़ा है और अब वो नहीं रहे। मुझे कैसा लग रहा था इसको मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती।
इस घटना से निकलने में मुझे कितना वक़्त  लगा ये शायद मैं आज भी नहीं जानती  या यों  कहें मैं आज तक उस वाकये से उबर नहीं पाई हूँ। मेरे परिवार में आज भी कुछ लोग हैं जो मुझे शुभअवसर पर अपने घर बुलाना पसंद नहीं करते। मुझे समझ नहीं आता किसी की जीवन या मृत्यु के लिए मैं ज़िम्मेवार कैसे हो सकती हूँ ? जबकि मेरे हसबैंड से किसी को कोई परेशानी नहीं हैं, ये नियम कानून उनके ऊपर लागु नहीं होते। .......... ऐसा क्यूँ !


Friday, August 31, 2018

आज बहुत दिनों के बाद फिर से कुछ लिखने का मन कर रहा है पर क्या? पता नहीं। आजकल सबकुछ टुटा बिखरा से है

Friday, November 20, 2015

Nouni ke sag ka pakaude (bachaka)

Ingredienta....
Nouni sag.......250g
One onion (big)......fine chopped
Green chilly (2).......fine chopped
Rice flour ......1 table spoon
Besan......... 2-3 table spoon
Garlic paste.......1 tea spoon
Salt to taste
Oil for sallow fry
Mix all ingredients very well if required sprinkle some water on it.....
Heat a tava put some oil in it.....make a dough and shape it like small cookies and put it on tava.
Do it sallow fry....
Now ur pakaude is ready .......

Sunday, September 20, 2015

Yaden.....!!

याद आता है मुझे वो बिता हुआ जमाना जब हम बहुत छोटे थे तब हमारे परिवार में कुछ ऐसी परिस्थितियां आई जब हमें अपने नानी के घर जाकर रहना पड़ा। बिहार के डाल्टेनगंज से करीब ५० किलोमीटर की दुरी पर एक गाँव कुटमु जो अब झारखण्ड  राज्य में स्थित है।  वहां की कुछ मीठी तो कुछ बहुत मीठी और कुछ खट्टी तो कुछ बहुत खट्टी यादें हैं  जो गाहे बगाहे मुझे याद आती रहती हैं.
एक  ऐसी याद जो मुझे हमेशा याद आती है वो है मुहर्रम पर निकलने वाला ताज़िया। हमारे नाना कुटमु गाँव के जमींदार हुआ करते थे, एक रोज़ बड़े सवेरे से ही दरवाजे के बाहर झाड़ सफाई का काम होने लगा जैसे आमतौर पर हमारे त्योहारों पर होता है। देखा बाहर चारो तरफ झाड़ू लगवाई गई फिर पानी का छिड़काव किया गया। घर के सारे लोग खासकर मर्द  
जैसे हमारे नानाजी, बड़े मामा , छोटे मामा  ,भैया लोग सब नहा धोकर तैयार होकर बहार प्रतीक्षारत हो गए। और  घर की महिलाएं मलिदे ( एक प्रकार की मिठाई जो गुड़ ,आटे , घी वैगरह को मिलाकर बनाया जाता है ) बनाने की तैयारियां करने लगी। फिर एक बड़ी सी जुलुस जिसमें गांव के हर वर्ग के लोग शामिल थे , साथ में रंग बिरंग के ताज़िये के साथ हमारे घर के पास आकर रुकी। जुलुस में शामिल स्वर में लोग गीत गा रहे थे , जिसके बोल कुछ इस प्रकार थे
 मोरे घर के पिछुवारुआ अमवा के गछिया बोलो हाय हाय
ताहि पर सुगना उचरलन बोलो हाय हाय
मचियानी बइठली अम्मा बढ़ितिन बोलो हाय हाय।
जहाँ तक मुझे याद है गीत के बोल शायद यही थे.……।
घर के बड़े होने के नाते नाना जी अपने हाथों से मलीदा चढ़ाते और उसी मलीदे को प्रसाद स्वरूप सब लोगों में बाँट दिया जाता था। जुलुस के पीछे  सोमवारीय दाई ( घर में काम करने वाली एक हिन्दू  महिला ) मोर के पंख लेकर सबको झाड़ती हुई चलती थी। इस तरह सब लोग जुलुस में शामिल होकर कर्बलाः तक जाते जहाँ जुलुस समाप्त होती।
आज के परिवेश में मुझे बहुत दुःख होता है जब मैं लोगों को धर्म के नाम पर बहस करते या राजनीती करते  देखती हूँ। 

Friday, September 18, 2015

GUJHIYA

INGREDIENTS
Fine flour ....500 g
Sugar.....250 g
Mava.....250g
Green cardamom ..10
Almond ....15
Chesuinut ......15
Coconut powder.....10 g
Sounf......10 g
Ghee .....250 g
Heat a pan and put mava in it fry till light brown .










Cool it , put green Caardmom with sugar in a mixer grinder and mix well. Keep it aside,
Now put almond ,chesuinut in a mixer grinder for make a thik powder.
Now put cardamom - sugar powder,almond ,chesuinut powder and coconut powder and sugar in mava . Mix well...now ur stuffing is ready.

Put fine flour in a big pan and put some ghee in it mix well and make a fine dough. Make puri like shape and put one tea spoon stuffing in it shape it like gujhiya.



Heat a pan put ghee in it and deep fry the gujhiya in a low flame...



Friday, September 11, 2015

Remedy for dengue.

giloy leaves  4-5 or giloy branch 4"
Papaya leaves ...1/2
Termaric powder....2 pinch
Clove....1
Salt to taste
Water .... 1 glass
Clean giloy leaves or giloy branch very well.
Clean papaya leaves very well.
Put all ingredients in a saucepan and put the gas on .let it boil for 10 to 15 minuts on slow flame.
Give this kadha to dengue or viral patients. It's very effective .

Tuesday, June 9, 2015

Mango's sweet pickle

ingredients
Raw Mango........4 pealed( medium size)
Saunf......1 table spoon
Salt .......2 teaspoon
Jeera......1 teaspoon
Red chilly powder......1/2 table spoon
Sugar / jaggery.........500g
Refined oil.......2 tablespoon

Cut mango into small pieces.....
Heat a pan put oil in it.
Now put saunf , jeera in it.let it cracked
Now put mango , sugar / jaggery , salt ,red chilly powder in it .
Stair for some time , low the flame and cover it.
Cook for 10 to 15 minutes on low flame.
Now your Mango's sweet pickle is ready...!!