Thursday, December 20, 2012

dard

सब तरफ यही शोर है की जितने भी लोग रेप केस में शामिल थे वो सरे बिहारी थे ........मैं ये जानना चाहती हूँ की हम इस तरह की बातें कर के क्या साबित करना चाहते हैं ? हम आखिर कबतक जात ,प्रान्त आदि में फसे रहेंगे ?
                  मुझे लगता है इस तरह की बातें वाही लोग फैला रहे हैं जिन्हें इस घटना की संवेदनशीलता से कोई सरोकार ही नहीं है .........इस तरह के लोगों से मेरा अनुरोध है की प्लीज् अगर आप कुछ कर नहीं सकते तो कम से कम अपने जुबान पर तो काबू रख सकते हैं ........सनसनी फ़ैलाने के बहुत से मौके मिलेंगे तब अपनी हसरत पूरी कर लीजियेगा .

No comments:

Post a Comment