Wednesday, January 7, 2015

Akhnd Jyoti se !!


सूर्य का प्रकाश लेकर  किरणें  चली। एक कीचड़ में गिरी तो दूसरी पास उग रहे कमल के फूल पर। जो किरण कमल पर गिरी ,वह दूसरी से बोली " देखो !जरा दूर ही रहना।  मुझे छूकर अपवित्र न कर देना " कीचड़ वाली किरण सुनकर हंसी और बोली - बहन ! जिस सूर्य का प्रकाश लेकर हम  दोनों चली हैं उसे सारे संसार में अपना प्रकाश भेजने में संकोच नहीं है तो ये आपस में मतभेद कैसा? और फिर यदि हम ही इस कीचड़ को नहीं सुखायेंगी तो इस पुष्प को उपयोगी खाद कैसे मिल सकेगी ? दूसरी किरण अपने दंभ पर लज्जित हो सकती थी।  

No comments:

Post a Comment