Thursday, January 31, 2013

दही चिकेन .............
यह एक बहुत ही कम मसाले में बनाने वाला तथा बगैर तेल के बनाने वाला डिस है
सामग्री ...........
चिकेन ......500 ग्राम मीडियम पीस में कटा हुआ
दही .......500 ग्राम
गर्म मसाला ......एक टेबल स्पून
लहसन पेस्ट .........एक टी स्पून
अदरख पेस्ट ........एक टी स्पून
नमक स्वादनुसार
चिकेन को अच्छी तरह धोने के बाद सारी सामग्री को इसमें मिक्स कर देंगे .......फिर सारी सामग्री को गर्म कड़ाही  में डालेंगे ........एक बार उबल आ जाने के बाद गैस को बिल्कुल धीमा कर देंगे .......तबतक पकाएंगे जबतक सारा पानी न सुख जाये ..............लीजिये एक बहुत ही स्वादिष्ट लो  कलोरी  चिकेन  तैयार है ......गर्मागर्म परोसें  :)
मिक्स पकौड़ा ..............
मिक्स पकौड़ा बनाने के लिए सामग्री ...........
चावल ................एक कटोरी
चने की दाल ........एक कटोरी
लहसन-अदरख पेस्ट .......एक टेबल स्पून
कटा हुआ हरा धनियाँ ...........एक कटोरी
3-4 हरी मिर्च ........बारीक़ कटी हुई
2 प्याज़ ........बारीक़ कटा हुआ
2 बड़े आलू ......उबले हुए
नमक ........स्वादनुसार
तलने के लिए तेल
                               पकौड़े बनाने के लिए सबसे पहले चावल और चने की दाल को 2 घंटे भिगोने के बाद मिक्सी में पीस लेंगे जैसे दोसे का बैटर बनाते हैं ..........अब इस बैटर में सारी ऊपर लिखी सामग्री को मिक्स कर लेंगे .......आलू को टुकडे कर के उसे भी मिक्स कर लेंगे ............अब फ्राइंग पैन में तेल गर्म करके पकोड़ों को तलेंगे ...........इस तरह से बनाने से पकोड़े काफी क्रिस्प बनेंगे ...........लीजिये गर्मागर्म पकौड़े तैयार हैं ......धनियाँ की चटनी के साथ गर्मागर्म परोसें ........... :)

Wednesday, January 30, 2013

 जंगली मटन बनाने के लिए
मटन .......500 ग्राम
दही .........500 ग्राम
गर्म मसाला पाउडर ........एक बड़ा चम्मच
लहसन पेस्ट 1/2 चम्मच
अदरख पेस्ट 1/2 चम्मच
नमक ......स्वादनुसार
लाल मिर्च पाउडर .....1 चम्मच
                          मटन को अच्छी तरह धो कर सारी सामग्री को उसमें मिक्स कर लेंगे ..........अब मटन को कुकर में डालकर एक सीटी देने तक पकाएंगे फिर कुकर को खोलकर  मटन को धीमी आंच पर ढक्कन लगा कर तब तक पकाएंगे जब तक सार पानी न सुख जाये .........ये बिलकुल भुना मटन की तरह बन जायेगा .............
इसे हम स्टार्टर की तरह पेश कर सकते हैं ................इस मटन को बनाने में आयल बिलकुल डालने की जरुरत नहीं है ............लीजिये एक आयल फ्री मटन तैयार है ....... :)
कटहल के कटलेट बनाने के लिए सामग्री .........
कटहल छीले हुए और छोटे -छोटे पीस में कटे हुए ..........500 ग्राम
आलू .......250 ग्राम
चावल .........आधी कटोरी
चने की दाल .......आधी कटोरी
लहसन-अदरख पेस्ट ..........एक चम्मच
गर्म मसाला पाउडर ........एक चम्मच
कटा हुआ हरा धनियाँ ...........1/2 कटोरी
तलने के लिए refind आयल 250 ग्राम
स्वादनुसार नमक
सबसे पहले चावल और चने की दाल  को एक घंटा भिगो कर मिक्सी में पीस लेंगे
कटहल और छीले हुए आलू को कुकर में 15-20 मिनट उबल लेंगे ............फिर कुकर को खोल कर पानी छान लेंगे  जब कटहल और आलू थोडा ठंढा हो जाये तो उसे हाथों से मिक्स कर लेंगे .......अब उसमें चावल-दल का बैटर ,लहसन- अदरख पेस्ट ,गर्म मसाला ,नमक ,हरा धनियाँ सब कुछ अच्छी तरह से मिक्स कर लेंगे ............
                                      फिर तेल गर्म करके कटलेट तल लेंगे ........लीजिये एक शानदार स्नाक्स रेडी है ....... :)

Tuesday, January 29, 2013

आंवले का आचार बनाने के लिए ...........250 ग्राम आंवले को एक कप पानी डालकर कुकर में एक  सीटी  तक पकयेगे .........फिर कुकर को खोलकर आंवले को निकाल कर उसमें से बीज निकल देंगे .......अब उसमें नमक, काला नमक, अजवैन , कलौंजी ,2-3 चम्मच सरसों का तेल डालेंगे ............इस आचार को 15- 20 दिनों तक रख सकते हैं ..........:)

???

हम इतने लकीर के फकीर क्यूँ हैं ........आज कोर्ट में फैशला आया की डेल्ही गैंग रेप के एक आरोपी को नाबालिग साबित कर दिया गया है ..............नाबालिक का क्या मतलब है ? जब एक आदमी इतना क्रूर हो सकता है फिर नाबालिग होने का क्या मतलब है ...........हमारी सरकार  अब ये सोंचना चाहिए की इस तरह का कोई आदमी सजा के बाद जोकि अब काफी कम मिलने वाली है 'वो समाज के लिए कितना घातक हो  सकता है ................????

Wednesday, January 23, 2013

daal pudi

दाल पुड़ी बनाने के किये सामग्री
चना दाल ........एक कटोरी
जीरा ....1/2 टेबल स्पून
हल्दी .........1/2  "
हींग 1/2  ..........  "
लाल मिर्च पाउडर 1/2... "
नमक स्वादनुसार
गेहूं आटा .........2 कटोरी
घी 100 ग्राम
कुकर में थोडा सा तेल डालकर  थोडा गर्म करेंगे फिर उसमें हींग और साबुत जीरा डालेंगे .........उसके बाद उसमें चने की दाल डाल कर आधा कटोरी पानी डालकर दो सीटी  देने तक पकाएंगे .............फिर कुकर को खोलकर अगर पानी बचा हो तो उसे सुखा लेंगे ...........अब दाल को ठंढ़ा होने के बाद मिक्सी में पीस लेंगे ...............फिर उसमें नमक ,लाल मिर्च पावडर  डालकर दाल तैयार कर लेंगे ...........
                      अब आटे  में थोडा सा नमक डालकर मुलायम गुंद लेंगे ...........आटे की लोई बनाकर उसमें दाल भरकर छोटो-छोटी पुरियां बना लेंगे अब इसे डीप फ्राई भी कर सकते है या तवे पर पराठे की तरह सेंक भी सकते हैं .............गर्मागर्म आलू की सब्जी या सीताफल की सब्जी के साथ परोसें  :)

Thursday, January 17, 2013

ham-tum

जोरू का गुलाम .........चलिए आज इसी विषय पर कुछ बात किया जाये ,कुछ सोंचा जाये ...........क्यूँ अक्सर लोग इस जुमले को एक-दुसरे के उपर उछालते हैं ........कौन होता है जोरू का गुलाम ?? वो भी हमारे जैसे देश में ?
                                     बदलते माहौल में जहाँ हम अपने आप को प्रगतिशील तो कहलाना तो पसंद करते हैं .........लेकिन सिर्फ अपने टर्म्स और कंडीशन के साथ ........आमतौर जिस किसी भी पति -पत्नी के बीच अंडरस्टैंडिंग अच्छी है तो लोगों को पसंद नहीं आता और फिर लोग अपना  
झेंप मिटाने के लिये उन्हें जोरू का गुलाम कहना शुरू कर देते हैं .........क्योंकि हमारे पुरुष  प्रधान समाज में ये किसी को भी बर्दास्त नहीं हो सकता की एक आदमी  एक औरत की बात को तवज्जो देता है ...........फिर चाहे मर्द हो या औरत सब इसे जोरू का गुलाम कहना शुरू कर देते हैं .................
    कुछ लोग तो " कुछ तो लोग कहेंगे " वाली मानसिकता अपना लेते हैं  उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग उनके बारे में क्या कहते हैं या क्या सोचते हैं ..................लेकिन कुछ लोग एसे भी हैं जिन्हें जोरू का गुलाम कहलाना बिलकुल नहीं पसंद उन्हें ये एक गाली की तरह लगती है ..........
                        क्या जोरू का गुलाम  होना गलत बात है ?  जहाँ भी गुलाम शब्द का प्रयोग होता है वहां आपत्ति होनी स्वभाविक है .......फिर हम पत्नी को चरणों की दासी .....पर आपत्ति क्यों नहीं करते ? 

Wednesday, January 16, 2013

litti

बिहार की बिजली लिट्टी ..........
लिट्टी बनाने के लिये एक कटोरी चने के सत्तू में ........अजवायन ,कलौंजी ,काला नमक ,हींग आधी -आधी चम्मच डालेंगे ......अब उसमें 2-3 हरी मिर्च ,अदरख ,लहसुन बारीक़-बारीक़ काटकर डालेंगे ........अब उसमें 2 निम्बू का रस ,बारीक़ कटा हुआ प्याज ,एक टेबल स्पून सरसों का तेल स्वादनुसार नमक फिर थोडा पानी डालकर मिलायेंगे .......सत्तू भुरभुरा सा बन जायेगा ..
               अब गेहूं का आटा दो कटोरी लेंगे .....उसमें थोडा नमक ,एक चम्मच घी डालकर मुलायम गुन्देंगे ..........अब इसके छोटो-छोटी लोई बनाकर उसमें सत्तू भरेंगे जैसे बाटी बनाते हैं
.............फिर गैस तंदूर में बेक कर लेंगे .........इनमें घी डालकर .....बैगन के और आलू के चोखे के साथ खाएं ... :)

Monday, January 14, 2013

माँ एक शब्द ,एक एहसास ,एक सुरक्षा .........
हर दिल में पलने वाला एक कसक 
खो देने का डर ,बिछुड़ जाने खौफ 
आत्मबल का खज़ाना .........और न जाने क्या-क्या ..........आज अचानक बैठे -बैठे आँखें भर आई .........ख्याल आया कितने दिन हो गए माँ से बात ही नहीं किया ,उनका फ़ोन भी आया था तो मैंने ये कह कर जल्दी से रख दिया कि अभी बिज़ी हूँ बाद में बात करती हूँ ..........
                हम अक्सर इस तरह की गलतियाँ करते हैं जब ये हमारे बीच होते हैं तो हम जाने अनजाने  इनकी कद्र नहीं करते ...........हमारे माता -पिता ,हमारे सास -ससुर जो सिर्फ हमारी ख़ुशी चाहते हैं हम उन्हें कितनी आसानी से भूल जाते हैं ............जब हमारे बच्चे हमसे इस तरह का व्यवहार करते हैं तब हमें बहुत दुःख होता है .....
                  

Sunday, January 13, 2013

kale chane ke pakaode

काले चने  के पकौड़े के लिए एक कटोरी काले चने को 3-4 घंटे भिगो देंगे .........उसके बाद इसमें 3-4 कलियाँ लहसुन,एक इंच अदरख ,3-4 हरी मिर्च के साथ आधे कप पानी के साथ मिक्सी  में पीस लेंगे .......पीसने के बाद इसमें एक बारीक़ कटा प्याज़ ,एक छोटा चम्मच गर्म मसाला ,बारीक़ कटा हरा घनियाँ स्वादनुसार नमक डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लेंगे .........उसके बाद गर्म तेल में तल लेंगे .........गर्मागर्म ......हरी चटनी के साथ परोसें .........:)
कहते है कि समाज में लोग लड़का और लड़की में
भेद -भाव  करते हैं .......लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि क्या हम खुद ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं ? हमने ही बच्चों के कोमल मन में कुछ नकारत्मक सवालों के बीज नहीं बोये हैं ?
     हमारी एक मित्र हैं  जिनकी  बेटी  जन्मदिन के अवसर पर किसी ने उसे किचन सेट गिफ्ट में दिया ........इस पर हमारी मित्र थोड़ी नाराज़ हो गईं औ
र कहने लगीं की लोग लोग लडकियों को अक्सर किचन सेट या डॉल वैगरह गिफ्ट में देते हैं जो मुझे अच्छा नहीं लगता ............मुझे इस सोंच पर बहुत हैरानी हुई क्योंकि वह एक बहुत ही पढ़ी लिखी प्रगतिशील विचारों वाली महिला हैं .................मुझे समझ नहीं आता की कोई भी काम कोई भी खेल या जिंदगी का कोई भी छेत्र  कैसे निर्धारित कर सकता की ये काम प्रथम दर्जे का है और ये काम दोयम दर्जे का है  ??......
               ये सौ प्रतिशत हमारी सोंच पर निर्भर  करता है ........मैं एक हाउस वाइफ हूँ लेकिन मैंने कभी भी अपने आप को दोयम दर्जे का नहीं समझा अगर हम अपने आपको को ही अपनी नजरों में
नहीं उठा सकते तो फिर दुसरे की नजर से सम्मान पाने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं ............
हमने खुद ही ये निर्धारित कर रखा है कि लड़कों द्वारा किया जाने वाला हर काम प्रथम दर्जे का है और घर -गृहस्थी  के सारे काम दोयम दर्जे का क्योंकि ऐसा  मानना  है की इन सब कामों को करने के लिये किसी तरह की ज्ञान या रचनात्मकता की आवश्यकता नहीं है ............
                 मुझे हंसी आती है इस तरह की सोंच रखने वाले  सो कॉल्ड इंटेलेक्चुअल  के उपर ................ये क्या जाने कि होम मनाग्मेंट नाम की भी एक चीज़ होती है इसमें कहीं ज्यादा ज्ञान और रचनात्मकता की आवश्यकता की जरूरत होती है ...........इसलिए प्लीज अपनी सोंच को जरा उड़ान भरने दें ,पंख खोलने दें फिर हर काम
           










Saturday, January 12, 2013

malpua....

मालपुआ  बनाने के लिए 250 ग्राम मैदे को 500 ग्राम फुल क्रीम दूध में घोल कर बैटर बनायेगे .......फिर इसमें 100 ग्राम मावे को सुनहरा भुन कर बैटर  में मिलायेंगे ...........फिर इसमें 50 ग्राम बादाम ,50 ग्राम काजू ,50 ग्राम ग्रेटेड  नारियल  को मिक्सी में कूट कर डालेगे ............इस बैटर को घी में डीप फ्राई करेंगे
अब चाशनी तैयार करने के लिए  के  कटोरी चीनी में एक कटोरी पानी मिलाकर  गैस पर रखेंगे जब इसमें उबाल आ जाये तो इसमें कुटी छोटी इलाइची और एक चुटकी केसर डालेंगे .............अब तले  हुए मालपुआ को एक-एक कर के चाशनी में डालेंगे और थडी देर बाद चाशनी से निकाल कर किसी सूखे बर्तन में रखेंगे ......गर्मागर्म परोसें ....... :)

Thursday, January 10, 2013

pittha

बिहार -झारखंड की एक प्रचलित रेसेपी है पिट्ठा जो बिलकुल हल्का होता है और बिना तेल मसाले के बनता है .........इसके लिए चने की एक कटोरी दाल  को 1-2 घंटे भिगो देंगे ...........उसके बाद 3-4 कलियाँ लहसुन और अदरख के साथ मिक्सी में पीस लेंगे ........अब इसमें साबुत जीरा ,हींग ,कटा हुआ हरा धनियाँ स्वादनुसार नमक डालकर मसाला तैयार कर लेंगे ...............
       अब गेहूं के आटे  में हल्का नमक डालकर गुन्द  लेंगे .........अब इसकी छोटी -छोटी पुरियां तैयार करके इसमें दल को भर लेंगे जैसे गुझिया बनाते है ........
अब एक पतीले में पानी उबाल लेंगे ...पानी जब उबलने लगे तब उसमें एक -एक कर के pittha दाल देंगे जब वो पकने लगेगा तो पानी के ऊपर आ जायेगा इसी तरह  सारे पिट्ठा  को उबाल लेंगे .....चाहें तो इसे ऐसे भी खा सकते है या इसको करी पत्ता ,राइ ,हरी मिर्च के साथ बघार भी सकते हैं ........ :)

Wednesday, January 9, 2013

अक्सर ये बहस छिड़ी रहती है कि एक हाउस वाइफ  की जिंदगी अच्छी है एक जॉब करने  वाली महिला की? कौन ज्यादा सुखी है या दुखी या यों कहें की कौन ज्यादा परफेक्ट है ...जॉब करने वाली महिलाओं का मानना है कि वे दोहरी जिम्मेदारियां निभाती हैं इसलिए वे अपने आप को ज्या दा परफेक्ट या यों कहें कि दुनियां के कदम से कदम मिलाकर चल सकती हैं ..............हाउस वाइफ के बारे में अक्सर उनकी राय यही होती है कि ये बस चूल्हा -चौकी ,घर बच्चे के अलावा कुछ नहीं जानती ...........इनसे बात करने के ज्यादा टॉपिक भी नहीं होते इनसे तो बस बच्चे,पति,कामवाली ,खाने-पीने की ही बातें की जा सकती हैं ये क्या जाने दुनियां में कहाँ क्या हो रहा है .....................
                               जबकी हाउस वाइफ की राय इनके बारे कुछ एसा है .........की इनको क्या है सारा काम तो ये अपनी कामवाली से करवाती हैं न इन्हें खाना बनाने की झंझट है न बच्चे पालने की झंझट .........सुबह घर से निकल जाओ शाम को जब घर लौटो तो सारा काम हो ही जाता है .............इनके पति भी घर का बहुत काम करते हैं रही सही कसर इनके मम्मी -पापा या सास ससुर पूरी कर देते हैं ......हम तो बिना सैलरी सारी ज़िन्दगी पिसे रहते हैं ...............ऊपर से ये भी कि इन्हें क्या इनके पास तो टाइम ही टाइम है सारा दिन तो घर पर आराम करती हैं .................मेरा तो ये मानना  है की कोई भी काम आसान नहीं है अगर उसे पूरी कमिटमेंट के साथ किया जाये ........किसी के भी काम को कम कर के नहीं आंका  जा सकता। ये सोंच भी गलत है कि हाउस वाइफ के पास बहुत टाइम होता है,.........एक हाउस भी बुद्धिजीवी हो सकती है ..........क्रेअटिव  हो सकती एसी बहुत सारी मिसाल हमारे समाज में उपस्थित हैं ...........उसी तरह एक काम पर जाने वाली महिला के सीने में भी दिल होता है ....उन्हें भी अपने बच्चों ..अपने घर ...अपने पति से उतना ही प्यार होता है जितना एक हाउस वाइफ को ........
             

Saturday, January 5, 2013

Ardhya Satya ?

हम सब मानसिक रूप से मर चुके हैं ..........हमारी सोंचने समझने की शक्ति दम तोड़ रही है खुद को बुद्धिजीवी सझने वाले  हम जैसे लोगों की समझ उस वक्त कहाँ चली जाती है जब इसकी जरुरत होती है?
                   हम कैसे किसी को रास्ते पर गिरा हुआ देखकर आगे बढ़ सकतेहै ?कल को उस जगह पर हमारा कोई अपना भी तो हो सकता है ........लेकिन हमें क्या हमारे पास इतना वक्त कहाँ जो हम इतना सोंचे .............
हमें सिर्फ अपने अधिकार मालूम होते हैं .......हमारी कुछ दायित्व भी है इससे हमें कोई सरोकार ही नहीं है .........
                 मैं भी शायद उस जगह पर होती तो मैं भी नहीं रूकती मैं भी यही सोंचती की कौन पुलिस के झमेले में पड़े ........क्या मेरा ऐसा  सोंचना गलत होता ? नहीं, क्योंकि मैं  एक बार एसा कर  के फंस चुकी हूँ ..........मैं भी अपने दायित्व को भूल चुकी हूँ ...........हमारे समाज में कुछ की लोग हैं जो  सचमुच में जीते हैं .............जिनके हाथ में सत्ता की बागडोर है ............या जिनके पास अथाह धन सम्पत्ति है जो सत्ता को अपने अधीन रख सकते हैं ..............
        हमारे जैसे लोगों को पुलिस से सहायता मांगना जो किसी भी देश की नागरीक का मौलिक अधिकार होता है "एक भयानक सपने" के समान है ........मैं तो हर दिन यही प्रार्थना करती हूँ की इस देश में किसी को भी डॉक्टर ,नेता और पुलिस से पाला ना पड़े ............सुनने और सुनाने में तो ये बातें काफी घिसीपिटी लगती है पर है  बिलकुल सत्य .......

Thursday, January 3, 2013

rishte..

जब हम होंगे साठ साल के और तुम होगी  पचपन की ..........एक पुराना गाना सत्तर के दशक का आज के ज़माने में कुछ बेमानी हो गया है टूटते रिश्तों का आज का हमारा समाज शायद इस गाने को गुनगुना भी नहीं पायेगा
                          " इट्स माय लाइफ" की मानसिकता कम से कम मेरी समझ के तो परे है ...,हमारे बुजूर्ग  कहा करते थे की शादी दो परिवारों का मिलन होता है पर आजकल सारी जिम्मेदारिओं को पीछे छोड़कर एक उन्मुक्त जीवन जीने की चाह ही प्राथमिकता है इतने पर भी बस हो जाता तो शायद बात इतनी नहीं बिगड़ती ......दिन बीतते  न  बितते  दो लोग भी एकदूसरे को बर्दास्त नहीं कर पाते .........फिर शुरू हो जाता है सड़े -गले रिश्तों की शुरुआत .......जिसमे एकदूसरे के  उपर दोषारोपण के अलावा कुछ नहीं होता ........
                फिर शुरू होता उस रिश्ते से निकले की प्रक्रिया और जबरन अपनेआप  को खुश रखने की मशकत ........हम जिंदगी में कितने बड़े -बड़े कोम्प्रोमाईज़ कर लेते है पर छोटे -छोटे कोम्प्रोमाईज़ नहीं कर पाते। कितनी अजीब बात है ना ..............

Wednesday, January 2, 2013

dhuska

झारखंड छेत्र की एक मशहूर व्यंजन है "धुस्का " जो इस मौसम  काफी बनाया जाता है .......इसके लिए  एक कटोरी चावल ,एक कटोरी चने की दाल और एक मुठ्टी उरद की दाल को 2-3 घंटे भिगो लेंगे ................फिर  इसमे लहसन ,अदरख ,हरी मिर्च डाल कर पीस लेंगे जैसे इडली का बैटर  बनाया जाता है ..........अब इसमें साबुत जीरा ,कटा हुआ हरा धनिया स्वादनुसार नमक डालकर  वेजिटेबल आयल में तल लेंगे जैसे मालपुआ तलते हैं .......इसे गर्मागर्म आलू की सब्जी या गर्मागर्म मटन के साथ परोसें  :)
आज  दिल्ली की मुख्यमंत्री ने एक रैली निकली है ........देखकर हंसी आती है  की हमारे नेतागन  कितनी आसानी से अपना उपहास करवाते हैं ........महिलाओं की भरी भीड़ उनके साथ चल रही थी ...काश मुख्यमंत्री जी चलकर राजघाट तक जा पातीं तो पता चलता की जीवन के रास्ते कितने असमतल हैं ........खैर कोई बात नहीं शायद सुरक्षा कारणों से नहीं जा पाई होंगी .......
                    आगे क्या लिखूं "बहुत कठिन है डगर पनघट की ".............निष्कर्ष आप पर छोड़ती हूँ।