Wednesday, February 25, 2015

Akhand Jyoti se...

किसी को भी अपनी प्रशंसा न करते देख हताश होकर तितली बोली----" झींगुर बंधू ! जरा मुझे तो देखो। मैं अप्रितम सुंदरी हूँ। " झींगुर ने उत्तर दिया। " बहन तितली ! सौंदर्य का सही मानदंड अंतः करण की पवित्रता है,न की बहरी श्रृंगार। वो उभरे तो उसकी सभी प्रशंसा करते हैं। "

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