एक किसान अपने परिवार के साथ रामपुर गाँव में रहता था। उसमें और उसकी पत्नी में प्रतिदिन किसी न किसी बात पर झगड़ा होता। दोनों एक दूसरे से कुपित हो जाते और फिर कई दिनों तक बातचीत न करते। यह सब देखकर किसान के बैलों ने उन दोनों को शिक्षा देने की सोंची। अगले दिन जब किसान खेत में हल लेकर निकला तो दोनों बैल अलग- अलग दिशा में जाने लगे। किसान ने दोनों बैलों को मनाने का बहुत प्रयत्न किया ,पर दोनों अलग - अलग होने से उस दिन की खेती का काम नहीं हो सका। किसान लौटकर ये बात अपनी पत्नी से कह रहा था तब बैल उससे बोले ---"मालिक !हम झगड़े का नाटक मात्र आप दोनों को शिक्षा देने के लिए कर रहे थे। हम दोनों तो पशु हैं ,यदि हम अलग - अलग दिशा में जाते हैं तो आपका कितना काम प्रभावित होता है। आप सोचें की यदि आप और मालकिन में मतभेद रहेगा तो उससे घर की सुख - शांति कितनी प्रभावित होगी। " किसान और उसकी पत्नी की समझ में आया कि पति और पत्नी ,दोनों गाड़ी की दो पहियों की तरह हैं। उनके साथ चलने में ही सुख है ,अन्यथा विग्रह होने से दोनों का ही नुकसान है ,लाभ किसी का नहीं। :)
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